अध्यक्ष, इसरो

श्री एस सोमनाथ ने दिनांक जनवरी 14, 2022 को अंतरिक्ष विभाग के सचिव तथा अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला है।

श्री सोमनाथ ने चार वर्ष के कार्यकाल में निदेशक, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी), तिरुवनंतपुरम के रूप में काम करने के बाद कार्यभार संभाला। उन्होंने दो वर्ष द्रव नोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी), वलियमला में भी निदेशक के रूप में देश को सेवाएं दी।

श्री सोमनाथ ने टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनीरिंग, कोल्लम से मेकैनिकल इंजीनीयरिंग में बी.टेक किया था तथा इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस, बैंगलोर से एरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर्स किया, संविरचनाएं, गतिकी तथा नियंत्रण की विशेषज्ञता में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। वे 1985 में वीएसएससी में भर्ती हुए तथा पीएसएलवी के समाकलन के प्रथम चरणों के दौरान वे टीम लीडर हुआ करते थे। ये प्रमोचन वाहनों के प्रणाली इंजीनियरी के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। पीएसएलवी तथा जीएसएलवी माक III उनके संपूर्ण वास्तु-कला, संचालक चरणों की डिजाइन, संरचनात्मक तथा संरचनात्मक गतिकी डिजाइन, पृथक्करण प्रणालियां, यान समाकलन तथा समाकलन प्रक्रियाओं के विकास में उनका पूरा योगदान रहा।

उन्होंने एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया से 'अंतरिक्ष स्वर्ण पदक' प्राप्त किए। इसरो से उन्होंने ‘योग्यता पुरस्कार’ तथा ‘निष्पादन उत्कृष्टता पुरस्कार’ और जीएसएलवी मार्क-।।। के विकास के लिए ‘टीम उत्कृष्टता पुरस्कार’ प्राप्त किए। वे इंडियन नेशनल अकादमी ऑफ इंजीनियरिंग (आईएनएई), एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एईएसआई), एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एएसआई) के अधि सदस्य तथा इन्टरनेशनल अकादमी ऑफ एस्ट्रोनॉटिक्स (आईएए) के तत्समान सदस्य हैं। वे इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिकल फेडरेशन (आईएएफ) के ब्यूरो में हैं तथा उन्होंने एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एएसआई) से नेशनल एयरोनॉटिक्स पुरस्कार प्राप्त किए। उन्होंने संरचनात्मक गतिकी एवं नियंत्रण, पृथक्करण यंत्रावलियों के गतिक विश्लेषण, कंपन एवं ध्वनिक परीक्षण, प्रमोचन यान अभिकल्पना तथा प्रमोचन सेवा प्रबंधन के क्षेत्र में पत्रिकाओं तथा संगोष्ठियों में लेख प्रकाशित किए हैं।